सोम्य बेटी एवं महिला जन कल्याण सेवा संस्था : –
संस्था का कार्य छेत्र संपूर्ण मध्यप्रदेश में कार्यरत है | संस्था के उद्देश्य ,राष्ट्रीय भाषा एवं मात्र भाषा का शिक्षा द्वारा प्रसार एवं प्रचार , विद्यार्थियों में अनुशासन एवं चरित्र निर्माण, विद्यार्थियों में देशप्रेम एवं पंचशील सिद्धांत पर सहअस्तित्व के आधार पर समाज निर्माण, जनता के धर्मनिरपेक्षता की भावना भरना और छुआछूत का विनाश करना, शिक्षा के द्वारा नविन पीढ़ी में स्वदेशप्रेम एवं राष्ट्रीयता के प्रेरणा भरना, शिक्षण कार्य, शिक्षण संस्था, का संचालन करना तथा महिला एवं बाल विकास, बालवाड़ी स्वसित वर्ग के छात्र-छात्राओं को शिक्षा देना, संस्था द्वारा शिक्षा का प्रचार करना । एवं उच्च शिक्षा कॉलेज आदि का सञ्चालन करना, छात्रावास का निर्माण करना, कंप्यूटर, टाइपिंग, सिलाई, मशीन, कढ़ाई, बुनाई, पेंटिंग, शिक्षा सम्बन्धी गतिविधिओं का सञ्चालन करना, सामाजिक गतिविधिया व खेल कूद गतिविधियों का सञ्चालन करना । तथा इसके लिए प्रशिक्षण गृह खोलना, अनाथ आश्रम, वृद्धा आश्रम, महिला आश्रम, तथा शोषित वर्ग हेतु शासन द्वारा समय समय पर घोषित योजनाओ के कर्यान्वयन हेतु कार्यक्रम चलना, शासन प्रशासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओ के प्रचार प्रसार हेतु शिविर लगाना, चिकित्सा शिविर लगाना, शिक्षा प्रसार हेतु शिविर लगाना ग्रामीण छेत्रो में दूरदराज इलाको में समस्त उद्देश्य में दी गयी गतिविधियों का सञ्चालन करना, गरीबी रेखा के निचे जीवन यापन करने वाले उपेक्षित, असंगठित, निर्बल, निर्धन, एवं असहाय श्रमिक एवं कृषक मजदुर पीडितो के निःस्वार्थ भाव से समय सेवा करना जैसा आर्थिक, सामाजिक एवं स्वस्थ्य शिक्षण, जन जागरण, स्वछता अभियान आदि, समाज के जरुरतमंदो के कल्याण हेतु शिक्षा, प्रशिक्षण, सुझाव शिकायत एवं निवारण, प्राथमिक स्वास्थ, हॉस्पिटल, कानूनी सलाह एवं परामर्श सामूहिक विवाह , विकास, अनोपचारिक शिक्षालय, वाचनालय, ध्यानयोग, रोगनिदान, स्थापना एवं अभियान मिशन जेसे जल रोको, मलेरिया, जनसंख्या नियंत्रण, पल्सपोलियो, सड़क सुरक्षा, यातायात, अंधत्व निवारण, भिक्षुक व अनेको केंद्र का सञ्चालन करना व इसमें पहल करना, गोशाला का सञ्चालन करना, धार्मिक गतिविधियों का सञ्चालन करना, ग्रामीण क्षेत्रों में दवाइयां वितरित करवाना, झुग्गी झोपड़ियो गरीब वर्ग के छेत्रो में कैंप लगाकर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करना, संस्था मुख्य उद्देश्य कम उम्र की गरीब बच्चियों को उनकी आवश्यकता अनुसार किताबे, कपडे, वितरित करना, बुजुर्गो के आँखों के लिए समय समय पर नेत्र शिविर लगवाना |